मैं लड़की हूं अलबेली सी..

मैं लड़की हूं अलबेली सी,
वो अनजाना सा लड़का है।
मेरा उस से यूं मिलना मुझको,
एक अफसाना सा लगता है।
मैं उसको दोस्त ही कहती हूं.
वो मुझको दोस्त समझता है।
मैं लड़की हूं अलबेली सी.
मेरी बातों को वो सुनता है,
मुझे बड़े गौर से तकता है।
मैं रो दूतो वो घबराता है.
मैं हसू तो वो भी हंसता है।
मैं लड़की हूं अलबेली सी.
मैं उससे बहुत ही लड़ती हूं.
वो मुझसे बहुत झगड़ता है।
तुम भूल गई हो ना मुझको,
हर बार शिकायत करता है।
मैं लड़की हूं अलबेली सी.
मुझे जाने क्यूं ये लगता है,
वो शायद मुझपे मरता है।
कुछ बात तो है उसके दिल में,
जो वो कहने से ज़रा डरता है।।
मैं लड़की हूं अलबेली सी..
वो अनजाना सा लड़का है।।


                                                               ~Anushthi

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