Yaadein

कभी कभी ना बहुत याद आते हो तुम

कसम से

सोचती हूं अगर हम साथ होते तो कैसा होता ? हाँ छोटी छोटी बातों पर झगड़ते, बहस करते, एक दूसरे को मारने दौड़ते

पर मुझे यकीन है अपनी टूटी फूटी आवाज में गाने गा के तुम मुझे मना लेते

जिंदगी रोज मेरे सामने एक नया सवेरा लाती है और

उस सवेरे के साथ ही कभी कभी तुम्हारी याद भी आ ही जाती है

और सबसे ज्यादा याद तब आती है जब मैं भीड़ में होती हूं क्योंकि तुम्हारे ना होने का अहसास लोगो के होने से कई गुना ज्यादा महसूस होता है

तो ज्यादा कुछ नही बस कभी कभी बहुत याद आते हो तुम!

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